TY - BOOK AU - Premchand, Shivrani Devi. TI - Premchand ke Ghar Mein SN - 81-88742-08-2 U1 - 928 PY - 2018/// PB - Roshnai Prakashan, Kanchrapada, West Bengal KW - Biographies KW - Biography KW - Hindi Literature KW - Munshi Premchand KW - Sansmaran N2 - पुस्तक के लिखने में मैंने केवल एक बात का अधिक से अधिक ध्यान रखा है और वह है ईमानदारी, सचाई । घटनाएँ जैसे–जैसे याद आती गयी हैं, मैं उन्हें लिखती गयी हूँ । उन्हें सजाने का मुझे न तो अवकाश था और न साहस । इसलिए हो सकता है कहीं–कहीं पहले की घटनाएँ बाद में और बाद की घटनाएँ पहले आ गयी हों । यह भी हो सकता है कि अनजाने ही में मैंने किसी घटना का जि’क्र बार–बार कर दिया हो । ऐसी भूलों को पाठक क्षमा करेंगे । साहित्यिकता के भूखे पाठकों को सम्भव है इस पुस्तक से कुछ निराशा हो क्योंकि साहित्यिकता मेरे अन्दर ही नहीं है । पर मेरी ईमानदारी उनके दिल के अन्दर घर करेगी, यह मैं जानती हूँय क्योंकि मैंने किसी बात को बढ़ाकर कहने की कोशिश नहीं है गोकि तीस साल से ऊपर तक जि’न्दगी के हर दु%ख और सुख में उनकी साथी होने के नाते मैं जानती हूँ कि अगर उनके गुणों का बखान करने में मैं तिल का ताड़ भी बनाती, तो भी उनके चरित्र की विशालता का पूरा परिचय न मिल पाता । पर मैंने तो सभी बातें, बगैर अपनी तरफ’ से कुछ भी मिलाये, ज्यों की त्यों कह दी हैं । ER -