Tipik Pa Marr
Material type: TextPublication details: Bhopal Eklavya Publication 2015Description: 24p.;illISBN: 978-81-87171-24-9Subject(s): Children's stories | Hindi Literature | StoriesDDC classification: 790 Summary: ध्यान लगाकर सुनना ही असल में सुनना होता है। अपने आसपास अनगिनत ऐसी आवाज़ें होती हैं जो शोर में गुम हो जाने या हमारे अन्यमनस्क होने की वजह से हम सुन नहीं पाते। प्रकृति और परिवेश में गूँजती ऐसी ही अनसुनी-सी आवाज़ों को सुनने का अभ्यास कराती है यह किताब।Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Children's Books | Ektara Trust | 790/SAH(H) (Browse shelf(Opens below)) | Available | 472 |
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ध्यान लगाकर सुनना ही असल में सुनना होता है। अपने आसपास अनगिनत ऐसी आवाज़ें होती हैं जो शोर में गुम हो जाने या हमारे अन्यमनस्क होने की वजह से हम सुन नहीं पाते। प्रकृति और परिवेश में गूँजती ऐसी ही अनसुनी-सी आवाज़ों को सुनने का अभ्यास कराती है यह किताब।
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