Sarkari Skoolon Mein Sudhaar: Prayog or Sambhawana
Material type: TextPublication details: Eklavya 2021Description: 196pISBN: 978-93-87926-95-0Subject(s): Education | Hindi Literature | Schools | Teachers' resourcesDDC classification: 371.1 Summary: हमारे देश की बड़ी आबादी के बच्चों का जुड़ाव सरकारी स्कूलों से है। लेकिन इन सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में समय के साथ गिरावट देखी जा सकती है और यह भी साफ है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले ज़्यादातर बच्चे गरीब, शोषित और हाशिए के समाज से आते हैं। भारत भर में सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में बेहतरी लाने का भरोसा लिए अनेक प्रतिबद्ध व्यक्ति व संस्थाएँ लगातार काम कर रहे हैं। मूलतः अँग्रेज़ी में लिखी गई यह किताब भारत में किए गए ऐसे ही कुछ प्रयासों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। इसमें शामिल सभी लेख उन लोगों द्वारा लिखे गए हैं जो कई सालों से, कुछ नया करने का जज़्बा लिए, बदलावों एवं स्कूलों में किए गए सुधारों से जुड़े हुए हैं। इन प्रयासों में विज्ञान, गणित या भाषा से सम्बन्धित शिक्षण पद्धति में सुधार के साथ-साथ स्वास्थ्य, पर्यावरण जैसे नए विषयों से बच्चों को जोड़ना शामिल है।Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Books | Ektara Trust | 371.1/MAN(H) (Browse shelf(Opens below)) | Available | 4758 |
हमारे देश की बड़ी आबादी के बच्चों का जुड़ाव सरकारी स्कूलों से है। लेकिन इन सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में समय के साथ गिरावट देखी जा सकती है और यह भी साफ है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले ज़्यादातर बच्चे गरीब, शोषित और हाशिए के समाज से आते हैं। भारत भर में सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में बेहतरी लाने का भरोसा लिए अनेक प्रतिबद्ध व्यक्ति व संस्थाएँ लगातार काम कर रहे हैं। मूलतः अँग्रेज़ी में लिखी गई यह किताब भारत में किए गए ऐसे ही कुछ प्रयासों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है। इसमें शामिल सभी लेख उन लोगों द्वारा लिखे गए हैं जो कई सालों से, कुछ नया करने का जज़्बा लिए, बदलावों एवं स्कूलों में किए गए सुधारों से जुड़े हुए हैं। इन प्रयासों में विज्ञान, गणित या भाषा से सम्बन्धित शिक्षण पद्धति में सुधार के साथ-साथ स्वास्थ्य, पर्यावरण जैसे नए विषयों से बच्चों को जोड़ना शामिल है।
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