Malgudi Ki Kahaniyan
Material type: TextPublication details: New Delhi Rajpal and Sons 2008Description: 248pISBN: 978-8170287278Subject(s): Children's stories | English Literature-Translated | Fiction | Hindi Literature | Malgudi | StoriesDDC classification: 891.43 Summary: अपने उपन्यास 'गाइड' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित तथा पद्मविभूषण द्वारा अलंकृत उपन्यासकार आर. के. नारायण विश्वस्तरीय रचनाकार गिने जाते हैं। उनके उपन्यास 'गाइड' पर बनी फिल्म ने उन्हें लोकप्रियता का एक और आयाम दिया, जिसे आज भी याद किया जाता है। 'मालगुडी की कहानियां' आर. के. नारायण की अद्भुत रोचक कहानियां समेटे हुए पुस्तक है। अपने दक्षिण भारत के प्रिय क्षेत्र मैसूर और चेन्नई में घूमते हुए उन्होंने आधुनिकता और पारंपरिकता के बीच यहां-वहां ठहरते साधारण चरित्रों को देखा और उन्हें अपने साधारण कथा-शिल्प के ज़रिये, अपने चरित्र बना लिए। 'मालगुडी के दिन' पर दूरदर्शन ने धारावाहिक बनाया जो दर्शक आज तक नहीं भूले हैं। दशकों बाद भी मालगुडी के दिन की कहानियां उतनी ही जीवंत और लोकप्रिय हैं, जितनी पहले कभी थी। यही उनकी खूबी है।Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Children's Books | Ektara Trust | 891.43/NAR(H) (Browse shelf(Opens below)) | Available | 4043 |
अपने उपन्यास 'गाइड' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित तथा पद्मविभूषण द्वारा अलंकृत उपन्यासकार आर. के. नारायण विश्वस्तरीय रचनाकार गिने जाते हैं। उनके उपन्यास 'गाइड' पर बनी फिल्म ने उन्हें लोकप्रियता का एक और आयाम दिया, जिसे आज भी याद किया जाता है। 'मालगुडी की कहानियां' आर. के. नारायण की अद्भुत रोचक कहानियां समेटे हुए पुस्तक है। अपने दक्षिण भारत के प्रिय क्षेत्र मैसूर और चेन्नई में घूमते हुए उन्होंने आधुनिकता और पारंपरिकता के बीच यहां-वहां ठहरते साधारण चरित्रों को देखा और उन्हें अपने साधारण कथा-शिल्प के ज़रिये, अपने चरित्र बना लिए। 'मालगुडी के दिन' पर दूरदर्शन ने धारावाहिक बनाया जो दर्शक आज तक नहीं भूले हैं। दशकों बाद भी मालगुडी के दिन की कहानियां उतनी ही जीवंत और लोकप्रिय हैं, जितनी पहले कभी थी। यही उनकी खूबी है।
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