Manya ki Dahad

By: Rao, ShrutiContributor(s): Kurian, Priya [Illustrator]Material type: TextTextPublication details: Bhopal Eklavya 2019Description: 68pISBN: 978-9385236860Subject(s): Children's stories | Fiction | Hindi Literature | Short stories | StoryDDC classification: 891.43 Summary: मान्या को अपने स्कूल के नाटक में शेर खान बनना ही है | जंगल बुक उसकी पसंदीदा फिल्म है और उसे इसके सारे डायलाग याद है | उसे भरोसा है कि वह एक शानदार शेर खान होगी | पर सभी ऐसा नहीं सोचते | उसका सहपाठी रजत हमेशा उसके हकलाने का मजाक उडाता रहता है | उसकी इंग्लिश टीचर को लगता है कि मान्या को नाटक में शामिल करना बहुत बड़ा जोखिम होगा और शायद प्रिंसिपल मैडम भी ऐसा ही सोंचती है | मान्या जितनी बेचैन होती जाती है उसका हकलाना उतना ही बढ़ता जाता है | क्या मान्या का पसंदीदा रोल उससे छीन जाएगा? क्या वह अपने डर पर काबू पाकर शेर की तरह दहाड़ पायेगी ?
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मान्या को अपने स्कूल के नाटक में शेर खान बनना ही है | जंगल बुक उसकी पसंदीदा फिल्म है और उसे इसके सारे डायलाग याद है | उसे भरोसा है कि वह एक शानदार शेर खान होगी | पर सभी ऐसा नहीं सोचते | उसका सहपाठी रजत हमेशा उसके हकलाने का मजाक उडाता रहता है | उसकी इंग्लिश टीचर को लगता है कि मान्या को नाटक में शामिल करना बहुत बड़ा जोखिम होगा और शायद प्रिंसिपल मैडम भी ऐसा ही सोंचती है | मान्या जितनी बेचैन होती जाती है उसका हकलाना उतना ही बढ़ता जाता है | क्या मान्या का पसंदीदा रोल उससे छीन जाएगा? क्या वह अपने डर पर काबू पाकर शेर की तरह दहाड़ पायेगी ?

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