Meri Zoya Chali Gayi!
Material type: TextPublication details: Bhopal Eklavya 2018Description: 38pISBN: 978-93-85236-66-2Subject(s): Children's Fiction | Fiction | Hindi Literature | Picture BookDDC classification: 891.433 Summary: जब नूरी के बहन ज़ोया मरी तब नूरी की जिंदगी में हर तरफ उदासी सी छा गयी। उसे मालूम था कि उसकी बहन हमेशा हमेशा के लिए जा चुकी थी। लेकिन अम्मी के बचकाने झूठ का क्या कि ज़ोया हमेशा हमारे साथ रहेगी। और वह ज़ोया की दोस्त धारा का क्या करे जो उसे अकेली छोड़ ही नहीं रही। बू। प्यार और दुःख में हिम्मत जुटाने की एक मार्मिक कहानी है।Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
Children's Books | Ektara Trust | 891.433/JHA(H) (Browse shelf(Opens below)) | Available | 2569 | ||
Children's Books | Ektara Trust | 891.433/JHA(H) (Browse shelf(Opens below)) | Available | 3596 |
Browsing Ektara Trust shelves Close shelf browser (Hides shelf browser)
891.433/JEN(H) Baby hippo ki sacchi kahaani | 891.433/JEN(H) Baby hippo ki sacchi kahaani | 891.433/JHA(H) Shaapgrast | 891.433/JHA(H) Meri Zoya Chali Gayi! | 891.433/JHA(H) School Mein Tata | 891.433/JHA(H) Nangu Nangu Naach | 891.433/JHA(H) Harimohan Jha ki Shreshtha Kahaniyan |
जब नूरी के बहन ज़ोया मरी तब नूरी की जिंदगी में हर तरफ उदासी सी छा गयी। उसे मालूम था कि उसकी बहन हमेशा हमेशा के लिए जा चुकी थी। लेकिन अम्मी के बचकाने झूठ का क्या कि ज़ोया हमेशा हमारे साथ रहेगी। और वह ज़ोया की दोस्त धारा का क्या करे जो उसे अकेली छोड़ ही नहीं रही। बू। प्यार और दुःख में हिम्मत जुटाने की एक मार्मिक कहानी है।
Hindi
There are no comments on this title.