Alice Ajoobo ki Duniya me

By: Carroll, LewisMaterial type: TextTextPublication details: New Delhi Rajkamal Prakashan 2001Description: 152pISBN: 8126702095Subject(s): Children's stories | Fiction | Hindi Literature | StoriesDDC classification: 491.3 Summary: ‘एलिस अजूबों की दुनिया में’ किशोर पाठकों के लिए लुइस कैरोल की क़लम से लिखा गया विश्‍वप्रसिद्ध उपन्‍यास है। दुनिया की विभिन्‍न भाषाओं में अनूदित इस कथाकृति का यह हिन्‍दी अनुवाद प्रसिद्ध कथाशिल्‍पी कृष्‍ण बलदेव वैद ने किया है। उपन्‍यास के केन्‍द्र में है एलिस नाम की एक बालिका जिसके स्‍वप्‍न-जगत का इसमें दिलचस्‍प उद्घाटन हुआ है। अपने सपने में प्रवेश करके एलिस एक ऐसी दुनिया में जा पहुँचती है, जहाँ सबकुछ अजूबा है—सारी प्रकृति, पशु-पक्षी और तमाम तरह के कीट-पतंग। यहाँ तक कि वह स्‍वयं भी अपने रूप-सरूप में अजूबा हो उठती है। हैरान होती है अपने-आप पर और अपने आसपास पर। विचित्र, मूर्खतापूर्ण और निर्मम लगता है उसे उस दुनिया के ताश के पत्‍तों जैसे राजा-रानी का न्‍याय। वह न सिर्फ़ उनका विरोध करती है, बल्कि अपनी साहसपूर्ण बुद्धिमत्‍ता से उन्‍हें छकाती भी है। वास्‍तव में इस पुस्‍तक के सहारे लेखक ने मनोवैज्ञानिक तरीक़े से किशोर मानस की उस दुनिया की टोह ली है, जिसमें उसकी वास्‍तविक दुनिया ही एक नए रंग-रूप में मौजूद होती है।
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‘एलिस अजूबों की दुनिया में’ किशोर पाठकों के लिए लुइस कैरोल की क़लम से लिखा गया विश्‍वप्रसिद्ध उपन्‍यास है। दुनिया की विभिन्‍न भाषाओं में अनूदित इस कथाकृति का यह हिन्‍दी अनुवाद प्रसिद्ध कथाशिल्‍पी कृष्‍ण बलदेव वैद ने किया है। उपन्‍यास के केन्‍द्र में है एलिस नाम की एक बालिका जिसके स्‍वप्‍न-जगत का इसमें दिलचस्‍प उद्घाटन हुआ है। अपने सपने में प्रवेश करके एलिस एक ऐसी दुनिया में जा पहुँचती है, जहाँ सबकुछ अजूबा है—सारी प्रकृति, पशु-पक्षी और तमाम तरह के कीट-पतंग। यहाँ तक कि वह स्‍वयं भी अपने रूप-सरूप में अजूबा हो उठती है। हैरान होती है अपने-आप पर और अपने आसपास पर। विचित्र, मूर्खतापूर्ण और निर्मम लगता है उसे उस दुनिया के ताश के पत्‍तों जैसे राजा-रानी का न्‍याय। वह न सिर्फ़ उनका विरोध करती है, बल्कि अपनी साहसपूर्ण बुद्धिमत्‍ता से उन्‍हें छकाती भी है। वास्‍तव में इस पुस्‍तक के सहारे लेखक ने मनोवैज्ञानिक तरीक़े से किशोर मानस की उस दुनिया की टोह ली है, जिसमें उसकी वास्‍तविक दुनिया ही एक नए रंग-रूप में मौजूद होती है।

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