Jungli Ghas
Material type: TextPublication details: Delhi Gargi Prakashan Description: 48pISBN: 81-87772-25-5Subject(s): Chinese Literature-Translated | Hindi Literature | Hindi poems | Hindi poetry | Poems | PoetryDDC classification: 891.431 Summary: विश्व साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर लू शुन की गद्य कविताओं का संकलन पहली बार 1928 में वाइल्ड ग्रास नाम से प्रकाशित हुआ था। इनका लेखन काल सितम्बर 1924 से अप्रैल 1926 के बीच है। यह वही दौर था जब 1911 में प्रतिक्रियावादी शक्तियाँ चीनी जनता का भारी दमन–उत्पीड़न कर रही थीं। जनता की पीड़ा के साथ गहरी सहानुभूति, शासक वर्गों के प्रति गहरा आक्रोश, समाज में व्याप्त उदासीनता और निष्क्रियता से उत्पन्न विक्षोभ तथा भविष्य के प्रति उत्कट आशा के इन्हीं मिले–जुले मनोभावों की झलक इन गद्य कविताओं में दिखायी देती है। इन कविताओं में मूल कथ्य समग्रता में एक अन्धकार में डूबे समाज की राजनीतिक ऐतिहासिक आलोचना हैं। इन कविताओं में लु शुन की गहन वैज्ञानिक दृष्टि और प्रखर काव्य संवेदना भी हैं।Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Books | Ektara Trust | 891.431/XUN(H) (Browse shelf(Opens below)) | Available | 1592 |
विश्व साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर लू शुन की गद्य कविताओं का संकलन पहली बार 1928 में वाइल्ड ग्रास नाम से प्रकाशित हुआ था। इनका लेखन काल सितम्बर 1924 से अप्रैल 1926 के बीच है। यह वही दौर था जब 1911 में प्रतिक्रियावादी शक्तियाँ चीनी जनता का भारी दमन–उत्पीड़न कर रही थीं। जनता की पीड़ा के साथ गहरी सहानुभूति, शासक वर्गों के प्रति गहरा आक्रोश, समाज में व्याप्त उदासीनता और निष्क्रियता से उत्पन्न विक्षोभ तथा भविष्य के प्रति उत्कट आशा के इन्हीं मिले–जुले मनोभावों की झलक इन गद्य कविताओं में दिखायी देती है। इन कविताओं में मूल कथ्य समग्रता में एक अन्धकार में डूबे समाज की राजनीतिक ऐतिहासिक आलोचना हैं। इन कविताओं में लु शुन की गहन वैज्ञानिक दृष्टि और प्रखर काव्य संवेदना भी हैं।
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