Prarthana ke Shilp Nahi
Material type: TextPublication details: Lok Bharti Prakashan 2007Description: 156pISBN: 9788180312564Subject(s): Hindi Literature | Hindi poems | Hindi poetry | Poems | PoetryDDC classification: 891.431 Summary: इन्द्र, आप यहाँ से जायें तो पानी बरसे ! मरुत्, आप यहाँ से कूच करें तो हवा चले ! बृहस्पति, आप यहाँ से हटें तो बुद्धि कुछ काम करना शुरू करे ! अदिति, आप यहाँ से चलें तो कुछ ढंग की संततियाँ जन्म लें ! रुद्र, आप यहाँ से दफा हों तो कुछ क्रोध आना शुरू हो ! देवियो-देवताओ, हम आपसे जो कुछ कह रहे हैं प्रार्थना के शिल्प में नहीं ! -इसी पुस्तक सेItem type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Books | Ektara Trust | 891.431/MIS(H) (Browse shelf(Opens below)) | Available | 1246 |
इन्द्र, आप यहाँ से जायें तो पानी बरसे ! मरुत्, आप यहाँ से कूच करें तो हवा चले ! बृहस्पति, आप यहाँ से हटें तो बुद्धि कुछ काम करना शुरू करे ! अदिति, आप यहाँ से चलें तो कुछ ढंग की संततियाँ जन्म लें ! रुद्र, आप यहाँ से दफा हों तो कुछ क्रोध आना शुरू हो ! देवियो-देवताओ, हम आपसे जो कुछ कह रहे हैं प्रार्थना के शिल्प में नहीं ! -इसी पुस्तक से
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