Sundar log aur Anya Kavitayen
Material type: TextPublication details: Vani Prakashan 2013ISBN: 978-9350007280 Subject(s): Hindi Literature | Hindi poems | Hindi poetry | Poems | PoetryDDC classification: 891.431 Summary: कविता और विचार के अन्त: सम्बन्धों पर चर्चा करते हुए अक्सर इस बात की अनदेखी की जाती रही है कि कविता किसी विचार की संवेदनात्मक अभिव्यक्ति अथवा स्थिति का संवेदनात्मक वर्णन नहीं बल्कि अपने में एक चिन्तन-विधि है - हाइडेगर से शब्द लेकर कहें तो एक प्रकार की ‘मेडिटेटिव थिंकिंग’। इसीलिए कविता में विचार करना और कविता का विचार करना फक्र की बात है। कविता और अन्त: सम्बन्धों समय के को लेकर भी यही कहा जा सकता है कि जो कविता अपने को इतिहास की सेवा में उपस्थित नहीं करती बल्कि आक्टोवियो पॉज के इस कथन का सदैव स्मरण करती रहती है कि प्रत्येक कविता ‘कविता के लाभ के लिए कविता और इतिहास के सामंजस्य् का प्रयास है’, वही इतिहास के लिए भी वास्तविक अर्थों में प्रासंगिक होने की सार्थकता अर्जित कर पाती है।Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Books | Ektara Trust | 891.431/LAL(H) (Browse shelf(Opens below)) | Available | 1243 |
कविता और विचार के अन्त: सम्बन्धों पर चर्चा करते हुए अक्सर इस बात की अनदेखी की जाती रही है कि कविता किसी विचार की संवेदनात्मक अभिव्यक्ति अथवा स्थिति का संवेदनात्मक वर्णन नहीं बल्कि अपने में एक चिन्तन-विधि है - हाइडेगर से शब्द लेकर कहें तो एक प्रकार की ‘मेडिटेटिव थिंकिंग’। इसीलिए कविता में विचार करना और कविता का विचार करना फक्र की बात है। कविता और अन्त: सम्बन्धों समय के को लेकर भी यही कहा जा सकता है कि जो कविता अपने को इतिहास की सेवा में उपस्थित नहीं करती बल्कि आक्टोवियो पॉज के इस कथन का सदैव स्मरण करती रहती है कि प्रत्येक कविता ‘कविता के लाभ के लिए कविता और इतिहास के सामंजस्य् का प्रयास है’, वही इतिहास के लिए भी वास्तविक अर्थों में प्रासंगिक होने की सार्थकता अर्जित कर पाती है।
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