Areba Pareba

By: Prakash, UdayMaterial type: TextTextPublication details: Vani Prakashan 2018Description: 236pISBN: 978-9387648432Subject(s): Fiction | Hindi LiteratureDDC classification: 891.433 Summary: “उदय प्रकाश समाज के हाशिए में जीने वाले लोगों के कहानीकार हैं। वे समाज की विद्रूपताओं को बेनकाब करते हैं। समर्थों द्वारा असमर्थों को दबाने-कुचलने के षड्यन्त्रों की पोल खोलते हैं। उनकी कहानियों में एक प्रयोग है, डिबिया में बन्द धूप के टुकड़े की सी मासूमियत है, किशोर मन का सपना है अजाने सुख को स्पर्श करने का, युवा भावों की कोमलता है, साथ ही अभाव का, कुछ छूट जाने का, कुछ न पाने की कमी का अहसास है, ज़िन्दगी का यथार्थ है। उदय प्रकाश सम्भवतः इस पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ कथाकार हैं, न सिर्फ़ हिन्दी में, बल्कि सभी भारतीय भाषाओं में....” -प्रसन्ना, रंगकर्मी एवं एक्टिविस्ट
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“उदय प्रकाश समाज के हाशिए में जीने वाले लोगों के कहानीकार हैं। वे समाज की विद्रूपताओं को बेनकाब करते हैं। समर्थों द्वारा असमर्थों को दबाने-कुचलने के षड्यन्त्रों की पोल खोलते हैं। उनकी कहानियों में एक प्रयोग है, डिबिया में बन्द धूप के टुकड़े की सी मासूमियत है, किशोर मन का सपना है अजाने सुख को स्पर्श करने का, युवा भावों की कोमलता है, साथ ही अभाव का, कुछ छूट जाने का, कुछ न पाने की कमी का अहसास है, ज़िन्दगी का यथार्थ है। उदय प्रकाश सम्भवतः इस पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ कथाकार हैं, न सिर्फ़ हिन्दी में, बल्कि सभी भारतीय भाषाओं में....” -प्रसन्ना, रंगकर्मी एवं एक्टिविस्ट

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