Jati Vyavastha: Mithak Vastvikta aur Chunautiyan (Record no. 2095)

MARC details
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9788126729487
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 307.72
Item number SIN
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Sinha, Sachidananda.
245 #0 - TITLE STATEMENT
Title Jati Vyavastha: Mithak Vastvikta aur Chunautiyan
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication, distribution, etc New Delhi
Name of publisher, distributor, etc Rajkamal Paper Backs
Date of publication, distribution, etc 2016
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 231p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc यह पुस्तक देश में चलनेवाली सामाजिक मारकाट, ख़ासकर जातीय दंगों और आदिवासी समूहों के आन्दोलनों के कारणों को समझने की कोशिश में शुरू हुई। इन समस्याओं को अलग–अलग ढंग से देखने की जगह पूरी दुनिया में उभरे संकीर्णतावाद और सामाजिक समूहों के टकराव की आम प्रवृत्ति के सन्दर्भ में देखने की कोशिश की गई है। इस परिप्रेक्ष्य में यह पुस्तक मुख्यत: जाति व्यवस्था की उत्पत्ति और उसकी वास्तविकता पर ध्यान केन्द्रित करती है। इस पुस्तक का सबसे बड़ा हिस्सा जाति व्यवस्था की वास्तविकता की जाँच–पड़ताल वाला है। यह महसूस किया गया है कि जाति के सन्दर्भ में जिन बातों को वास्तविक मान लिया जाता है, उनका काफ़ी बड़ा हिस्सा काल्पनिक ही है और इससे ग़लत धारणा बनती है, ग़लत निष्कर्ष तक पहुँचा जाता है। ‘जाति पूर्वाग्रह और पराक्रम’ शीर्षकवाला अध्ययन इस मामले में कुछ बातों को बहुत खुले ढंग से बताता है। और एक अर्थ में यही इस अध्ययन का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा है जिससे अन्य निष्कर्ष भी निकाले जाने चाहिए। इसमें जाति व्यवस्था से सम्बन्धित कुछ महत्त्वपूर्ण सिद्धान्तों की भी परीक्षा की गई है। होमो–हायरार्किकस वाले सिद्धान्त की कुछ ज़्यादा विस्तार से इसमें चर्चा की गई है, क्योंकि इससे इस विनाशकारी दृष्टि को बल मिल सकता है कि जाति व्यवस्था भारतीय मानस में व्याप्त स्वाभाविक भेदभाव का ही एक प्रतिफल है। यह पुस्तक प्रमुख समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों के ऊपर भी गम्भीर सवाल खड़े करती है जो सामाजिक यथार्थ के तार्किक और कार्यकारी पहलुओं पर ज़रूरत से ज़्यादा ज़ोर देते हैं। विचारोत्तेजक सामग्री से भरपूर यह पुस्तक निश्चय ही पाठकों को पसन्द आएगी।
546 ## - LANGUAGE NOTE
Language note Hindi
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Caste system
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Hindi Literature
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Sociology
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Item type Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Permanent location Current location Date acquired Source of acquisition Cost, normal purchase price Total Checkouts Full call number Barcode Date last seen Koha item type
        Ektara Trust Ektara Trust 17/11/2 Rajkamal Prakashan Private Limited (Daryaganj, New Delhi-110002) 126.75   307.72/SIN(H) 1605 10/08/2022 Books
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