Ulua Bulua aur Mein (Record no. 1363)

MARC details
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number ‎9788183618533
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number 928
Item number SIN
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Singh, Ramsagar Prasad
245 #0 - TITLE STATEMENT
Title Ulua Bulua aur Mein
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Name of publisher, distributor, etc Radhakrishna Prakashan
Date of publication, distribution, etc 2018
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 264p.,ill
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc इस ग्लोबलाइज्ड दुनिया में जहाँ चारों ओर समरूपता का हठ पाँव पसार रहा है, ऐसे में 'उलुआ, बुलुआ और मैं’ भरी दुपहरी में छाँव की तरह है। आत्मकथात्मक शैली में लिखी गई यह रचना व्यक्ति के साथ-साथ अपने समय, अंचल और ग्राम्य-संस्कृति की भी कथा कहती है। वैसे तो हर व्यक्ति का जीवन अगर दर्ज हो जाए तो महाकाव्य का विषय है। मुक्तिबोध ने सच ही कहा है कि 'मुझे भ्रम होता है कि प्रत्येक पत्थर में चमकता हीरा है।’ इस रचना की चमक इतिहास की धार में बह रहे किस्से, शब्द और लोग-बाग हैं जिन्हें लेखक ने शिद्दत के साथ पकड़ने की कोशिश की है। यह रचना आजादी के पहले और उसके बाद के कुछ समय के बदलावों का साहित्य रचती है। साहित्य की परम्परा से वाकिफ लोगों को इसमें रेणु, रामवृक्ष बेनीपुरी और शिवपूजन सहाय जैसे मिट्टी के रचनाकारों की छवि दिखाई पड़ सकती है। साथ ही वैसे इतिहास और संस्कृतिकर्मी जो लोगों के सुख-दुख, खान-पान, आचार-व्यवहार, लोकगाथाओं आदि को भी इतिहास-अध्ययन का विषय मानते हैं, उनके लिए भी यह रचना फलदायी साबित होगी। शैली के तौर पर यह कभी आपको आत्मकथा, कभी उपन्यास, कभी कहानी तो कभी ललित निबन्ध का अहसास कराती चलती है। कुल मिलाकर 'उलुआ, बुलुआ और मैं’ अपने समय और समाज के निर्वासित लोगों, शब्दों, गँवई-संस्कृति और समय की आपा-धापी में छूट रहे जीवन के विविध राग-रंगों को फिर से साहित्य की दुनिया में पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है।
546 ## - LANGUAGE NOTE
Language note Hindi
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Autobiography
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Biography
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name as entry element Ramsagar Prasad Singh
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Item type Books
952 ## - LOCATION AND ITEM INFORMATION (KOHA)
-- 14009]2018-01-14;@
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Permanent location Current location Date acquired Cost, normal purchase price Total Checkouts Full call number Barcode Date last seen Koha item type
        Ektara Trust Ektara Trust   357.00   928/SIN(H) 873 04/08/2022 Books
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