Diwali Ke Nanhe Mehman
Manu, Prakash.
Diwali Ke Nanhe Mehman - New Delhi Vidhya Vikas Academy 2019 - 176p.
प्रकाश मनु बच्चों के चहेते लेखक हैं, जिनकी कविता, कहानियाँ, नाटक और उपन्यास बच्चे ढूँढ़-ढूँढ़कर पढ़ते हैं और एक बार पढ़ने के बाद उनकी जादुई लेखनी के प्रभाव को कभी भूल नहीं पाते। कभी वे उनके साथ हँसते-खिलखिलाते और चहकते हैं तो कभी किसी मार्मिक प्रसंग की भावना में बहते हुए किसी और ही दुनिया में पहुँच जाते हैं। ‘दीवाली के नन्हे मेहमान’ प्रकाश मनु की बाल और किशोर पाठकों के लिए लिखी गई बड़ी ही रोचक और रसपूर्ण कहानियों का संग्रह है। ये ऐसी बाल कहानियाँ हैं, जिनमें बचपन का हर रंग, हर अंदाज है और नटखटपन से भरी कौतुकपूर्ण छवियाँ भी, जो बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी मुग्ध करती हैं। इनमें बच्चे हैं, उनके सुख-दुःख और सपने भी; और मनुजी ने मानो खुद बच्चा बनकर ही इन्हें बालमन की गहरी संवेदना के साथ लिखा है। इन कहानियों को पढ़ते हुए बच्चे अपने आसपास की दुनिया के दुःख-तकलीफों और समस्याओं में भी साझीदार होते हैं और एक सुंदर दुनिया बनाने में अपनी छोटी सी, लेकिन सार्थक भूमिका निभाते नजर आते हैं। बरसों तक ‘नंदन’ के संपादन से जुड़े रहे प्रकाश मनु की ताजा कहानियों के इस संग्रह में किस्सागोई के तमाम रंग हैं। संग्रह की हर कहानी में बचपन की एक अलग दुनिया, अलग दास्तान है! इनमें मस्ती है और नटखटपन भी। इसीलिए ये कहानियाँ बच्चों को अपने दोस्त सरीखी लगेंगी। एक बार पढ़ने के बाद वे इन्हें कभी भूलेंगे नहीं और हमेशा एक बहुमूल्य उपहार की तरह सँजोकर रखेंगे।
Hindi
978-93-84343-96-5
Children's stories
Fiction
Hindi Literature
Short Stories
Stories
891.43 / MAN
Diwali Ke Nanhe Mehman - New Delhi Vidhya Vikas Academy 2019 - 176p.
प्रकाश मनु बच्चों के चहेते लेखक हैं, जिनकी कविता, कहानियाँ, नाटक और उपन्यास बच्चे ढूँढ़-ढूँढ़कर पढ़ते हैं और एक बार पढ़ने के बाद उनकी जादुई लेखनी के प्रभाव को कभी भूल नहीं पाते। कभी वे उनके साथ हँसते-खिलखिलाते और चहकते हैं तो कभी किसी मार्मिक प्रसंग की भावना में बहते हुए किसी और ही दुनिया में पहुँच जाते हैं। ‘दीवाली के नन्हे मेहमान’ प्रकाश मनु की बाल और किशोर पाठकों के लिए लिखी गई बड़ी ही रोचक और रसपूर्ण कहानियों का संग्रह है। ये ऐसी बाल कहानियाँ हैं, जिनमें बचपन का हर रंग, हर अंदाज है और नटखटपन से भरी कौतुकपूर्ण छवियाँ भी, जो बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी मुग्ध करती हैं। इनमें बच्चे हैं, उनके सुख-दुःख और सपने भी; और मनुजी ने मानो खुद बच्चा बनकर ही इन्हें बालमन की गहरी संवेदना के साथ लिखा है। इन कहानियों को पढ़ते हुए बच्चे अपने आसपास की दुनिया के दुःख-तकलीफों और समस्याओं में भी साझीदार होते हैं और एक सुंदर दुनिया बनाने में अपनी छोटी सी, लेकिन सार्थक भूमिका निभाते नजर आते हैं। बरसों तक ‘नंदन’ के संपादन से जुड़े रहे प्रकाश मनु की ताजा कहानियों के इस संग्रह में किस्सागोई के तमाम रंग हैं। संग्रह की हर कहानी में बचपन की एक अलग दुनिया, अलग दास्तान है! इनमें मस्ती है और नटखटपन भी। इसीलिए ये कहानियाँ बच्चों को अपने दोस्त सरीखी लगेंगी। एक बार पढ़ने के बाद वे इन्हें कभी भूलेंगे नहीं और हमेशा एक बहुमूल्य उपहार की तरह सँजोकर रखेंगे।
Hindi
978-93-84343-96-5
Children's stories
Fiction
Hindi Literature
Short Stories
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891.43 / MAN