Chutki Gilhari
Dube, Vinay.
Chutki Gilhari - Eklavya, Bhopal 2008 - 12p.
कविता के माध्यम से भोपाल शहर के एक हिस्से का किस्सा बयाँ करते-करते हमारे आस-पास के पेड़-पौधों की देखभाल की ओर भी ध्यान दिला जाती है यह कविता। यह मूल रूप से चकमक में छपी थी। इसका नाटक के रूप में मंचन किया जा सकता है और इसको बतौर कहानी भी सुनाया जा सकता है।
Hindi
978-81-87171-27-0
Hindi Literature
Hindi poems
Hindi poetry
Poems
Poetry
891.431 / DUB
Chutki Gilhari - Eklavya, Bhopal 2008 - 12p.
कविता के माध्यम से भोपाल शहर के एक हिस्से का किस्सा बयाँ करते-करते हमारे आस-पास के पेड़-पौधों की देखभाल की ओर भी ध्यान दिला जाती है यह कविता। यह मूल रूप से चकमक में छपी थी। इसका नाटक के रूप में मंचन किया जा सकता है और इसको बतौर कहानी भी सुनाया जा सकता है।
Hindi
978-81-87171-27-0
Hindi Literature
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Poems
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891.431 / DUB